FD Scheme vs NSC: क्या आप भी एफडी और एनएससी में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर हां, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है! यहां हम आपको बताएंगे कि एफडी स्कीम और एनएससी में कौन-सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर हो सकता है और कैसे आप इन योजनाओं से ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं। अगर आप भी सुरक्षित निवेश के साथ अच्छा रिटर्न चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

इस आर्टिकल में हम आपको एफडी और एनएससी से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे, जिससे आप आसानी से फैसला ले सकेंगे। हम यहां इन दोनों योजनाओं की तुलना करेंगे, ब्याज दरों के बारे में बताएंगे और कुछ ऐसे टिप्स शेयर करेंगे जिन्हें अपनाकर आप ज्यादा फायदा उठा सकते हैं। इसलिए, इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें ताकि आपको कोई जरूरी जानकारी मिस न हो।

FD Scheme vs NSC: कौन सा है बेहतर?

एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) और एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट) दोनों ही सुरक्षित निवेश के ऑप्शन हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं जिन्हें समझना जरूरी है। आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

FD स्कीम क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसी योजना है जिसमें आप एक निश्चित समय के लिए बैंक या पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा करते हैं और बदले में आपको एक तय ब्याज दर मिलती है। एफडी की खास बात यह है कि इसमें आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है और आपको ब्याज की दर पहले से पता होती है।

  • ब्याज दर: एफडी पर ब्याज दर 6% से 8% तक हो सकती है, जो बैंक और समय अवधि पर निर्भर करता है।
  • समय अवधि: एफडी 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के लिए की जा सकती है।
  • टैक्स बेनिफिट: 5 साल से ज्यादा की एफडी पर टैक्स सेविंग का फायदा मिलता है।

NSC क्या है?

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) एक सरकारी योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा चलाया जाता है। इसमें आप 5 साल के लिए निवेश करते हैं और इसकी ब्याज दर हर तिमाही में बदल सकती है। एनएससी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है क्योंकि यह सरकार द्वारा बैक्ड है।

  • ब्याज दर: वर्तमान में एनएससी पर ब्याज दर 7.7% प्रति वर्ष है।
  • समय अवधि: एनएससी की समय अवधि 5 साल की होती है।
  • टैक्स बेनिफिट: एनएससी पर मिलने वाला ब्याज टैक्स में छूट के दायरे में आता है।

FD और NSC में क्या अंतर है?

एफडी और एनएससी दोनों ही सुरक्षित निवेश के ऑप्शन हैं, लेकिन इनमें कुछ मुख्य अंतर हैं:

  • ब्याज दर: एफडी की ब्याज दर बैंक पर निर्भर करती है, जबकि एनएससी की दर सरकार तय करती है।
  • समय अवधि: एफडी कम या ज्यादा समय के लिए की जा सकती है, जबकि एनएससी सिर्फ 5 साल के लिए होती है।
  • लिक्विडिटी: एफडी को समय से पहले भी तोड़ा जा सकता है, लेकिन एनएससी में ऐसा नहीं होता।

कैसे चुनें सही ऑप्शन?

अगर आप ज्यादा लचीलापन चाहते हैं और कम समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो एफडी आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं, अगर आप लंबे समय के लिए सुरक्षित निवेश चाहते हैं और सरकारी गारंटी चाहते हैं, तो एनएससी आपके लिए सही ऑप्शन हो सकता है।

ज्यादा ब्याज पाने के टिप्स

अगर आप एफडी या एनएससी से ज्यादा ब्याज कमाना चाहते हैं, तो इन टिप्स को फॉलो करें:

  • बैंक की तुलना करें: अलग-अलग बैंकों की एफडी दरों की तुलना करें और सबसे अच्छी दर चुनें।
  • लंबी अवधि के लिए निवेश करें: ज्यादा समय के लिए निवेश करने पर ब्याज दर भी ज्यादा मिलती है।
  • कंपाउंडिंग का फायदा उठाएं: कुछ बैंक कंपाउंडिंग ब्याज देते हैं, जिससे आपका रिटर्न बढ़ जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एफडी और एनएससी दोनों ही सुरक्षित निवेश के अच्छे ऑप्शन हैं, लेकिन आपको अपनी जरूरतों के हिसाब से ही फैसला लेना चाहिए। अगर आपको कोई और जानकारी चाहिए, तो कमेंट में जरूर बताएं।