Income Tax Changes: अगर आप भी FD से होने वाली कमाई पर टैक्स को लेकर परेशान हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। 2025 में होने वाले इनकम टैक्स के नए बदलावों को समझने में हम आपकी मदद करेंगे। यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी कि FD पर कितना टैक्स लगता है और आने वाले साल में क्या बदलाव होने वाले हैं।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको किसी और स्रोत से जानकारी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमने सरल भाषा में हर पहलू को समझाया है, ताकि आप आसानी से टैक्स नियमों को समझ सकें। चलिए, शुरू करते हैं!
FD से होने वाली कमाई पर टैक्स: 2025 में क्या बदलेगा?
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक सुरक्षित निवेश का ऑप्शन है, लेकिन इस पर लगने वाला टैक्स कई लोगों को परेशान कर देता है। आइए जानते हैं कि FD से होने वाली आमदनी पर कैसे टैक्स लगता है और 2025 में क्या बदलाव हो सकते हैं।
FD पर कितना टैक्स लगता है?
FD से होने वाली ब्याज की कमाई को ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ के तहत टैक्सेबल माना जाता है। यहां कुछ जरूरी बातें समझ लें:
- 10% TDS: अगर FD का सालाना ब्याज ₹40,000 (सीनियर सिटिजन के लिए ₹50,000) से ज्यादा होता है, तो बैंक 10% TDS काटता है।
- टैक्स स्लैब: आपकी कुल आमदनी के हिसाब से FD ब्याज पर 5% से 30% तक टैक्स लग सकता है।
- फॉर्म 15G/15H: अगर आपकी कुल आमदनी टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो आप TDS से बचने के लिए ये फॉर्म भर सकते हैं।
2025 में होने वाले संभावित बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 के बजट में FD से जुड़े टैक्स नियमों में ये बदलाव हो सकते हैं:
- TDS थ्रेशोल्ड बढ़ सकता है: सूत्रों के मुताबिक, सरकार FD पर TDS की लिमिट ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर सकती है।
- सीनियर सिटिजन के लिए राहत: उम्रदराज लोगों के लिए TDS थ्रेशोल्ड ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 किया जा सकता है।
- टैक्स छूट की संभावना: छोटे वर्ग को फ़ायदा देने के लिए FD ब्याज पर ₹20,000 तक की टैक्स छूट मिल सकती है।
FD पर टैक्स बचाने के तरीके
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि FD पर टैक्स की मार कम करने के लिए आप ये तरीके अपना सकते हैं:
- सीनियर सिटिजन FD: अगर आप 60 साल से ऊपर हैं, तो सीनियर सिटिजन FD में ज्यादा ब्याज मिलता है और TDS लिमिट भी अधिक होती है।
- 5 साल की टैक्स सेविंग FD: इस FD में निवेश करने पर आपको सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स बचत मिल सकती है।
- फैमिली में बांटें FD: अगर आपकी आमदनी ज्यादा है, तो FD को परिवार के सदस्यों के नाम से करवाने पर टैक्स बचा सकते हैं।
FD ब्याज को ITR में कैसे दिखाएं?
आपको बता दें कि FD से मिले ब्याज को आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में दिखाना जरूरी होता है। इसे ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज’ के सेक्शन में भरना होता है। अगर बैंक ने TDS काटा है, तो उसकी जानकारी फॉर्म 26AS में मिल जाएगी।
निष्कर्ष
FD एक सुरक्षित निवेश है, लेकिन टैक्स के नियमों को समझना जरूरी है। 2025 में होने वाले बदलावों पर नजर रखें और टैक्स बचाने के तरीके अपनाएं। अगर आपको कोई शंका हो, तो टैक्स एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।